एक अज्ञात व्यक्ति
बहुत दिनों से पालमपुर के पास पंचरुखी नामक स्थान में इधर उधर भटक रहा था। व्यक्ति
का रात्रि ठहराव कभी मंदिर तो कभी रेलवे स्टेशन या बस अड्डे में होता था। एक दिन
थाना प्रभारी पंचरुखी सुभाष शास्त्री को एक स्थानीय मंदिर के पुजारी ने सूचना दी
की कोई व्यक्ति देर रात मंदिर में ठहरा था जो सुबह जाते समय अपने साथ मंदिर की दरी
भी ले गया है। थोड़े प्रयास के बाद रेलवे स्टेशन
पंचरुखी के एक बेंच पर दरी ओढ़कर बैठा एक व्यक्ति
मिला जिससे पूछताछ के पश्चात यह पता चला की यह व्यक्ति रात को ठण्ड से बचने के लिए
मंदिर से दरी ले आया था। उसका पता पूछने पर वह व्यक्ति कभी राजस्थान, कभी दिल्ली
तो कभी हरियाणा बता रहा था। उसके उत्तरों से प्रतीत हुआ कि यह व्यक्ति मानसिक रोग
से ग्रसित है। उक्त व्यक्ति भूखा लग रहा था व काफी दिनों से नहाया भी नहीं था। उसे
खाना खिलाया गया व साफ़ कपड़ो का प्रबंध करके उसे पहनाये गये। नम्रतापूर्वक पूछताछ करने
से उस व्यक्ति का विश्वास बढ़ा व उसने अपना नाम शिवम (काल्पनिक नाम) व घर जिला
जयपुर, राजस्थान में होना बताया।
शिवम के फोटो खींच कर जयपुर के विभिन्न
थानों में भेजे गए जिसके परिणामस्वरुप शिवम का पूरा पता मालूम हुआ व उसके भाई से
भी बातचीत हो पाई। शिवम के भाई ने बतलाया की शिवम मानसिक रोगी है व तकरीबन 10
दिनों से लापता है जिस कारण उसका पूरा परिवार बहुत परेशान है। उसने धन्यवाद देते
हुए आग्रह किया की उसके भाई का कुछ दिनों के लिए रहने का इंतज़ाम किया जाए ताकि वह
अपने भाई को पंचरुखी आकर वापिस ले जाए। 17 अप्रैल,2022 को शिवम को उसके भाई से
पंचरुखी में मिलवाया गया। अपने भाई से मिलने के बाद उसकी आँखों में आंसू भर आए व
हिमाचल प्रदेश पुलिस की इस उदारता के लिए उसने दिल से धन्यवाद दिया।
इस बात का पता जब स्थानीय लोगों को चला
तो उन्होंने पंचरुखी पुलिस थाना के सभी कर्मचारियों की सराहना की। हिमाचल प्रदेश
पुलिस असहाय लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है व पंचरुखी थाना को इस मानवीयतापूर्ण
कार्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करती है।